ITR Date: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 है, और यह तारीख अब नजदीक आ गई है। आयकर विभाग की ओर से हर साल एक निर्धारित समय सीमा दी जाती है, जिसमें सभी योग्य करदाताओं को अपना रिटर्न फाइल करना अनिवार्य होता है। अगर कोई व्यक्ति तय समय सीमा के भीतर ITR दाखिल नहीं करता है तो उसे न सिर्फ आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है, बल्कि लेट फाइन और कानूनी नोटिस का भी सामना करना पड़ सकता है।
अगर पहली बार भर रहे हैं ITR तो रहें सतर्क
वर्तमान समय में बहुत से लोग पहली बार खुद से ITR भरने की प्रक्रिया को अपना रहे हैं। यह प्रक्रिया अब डिजिटल हो चुकी है, लेकिन अगर सावधानी न बरती जाए तो छोटी सी गलती भी बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है। पहली बार रिटर्न भरने वाले लोगों के लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
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गलती की तो मिल सकता है नोटिस
ITR भरते समय पैन, आधार, मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट जैसी व्यक्तिगत जानकारियों को बेहद ध्यान से भरना चाहिए। अगर इन जानकारियों में कोई भी त्रुटि रह जाती है, तो आपका ITR रिजेक्ट हो सकता है या आयकर रिफंड में देरी हो सकती है। कई मामलों में आयकर विभाग की ओर से नोटिस भी भेजा जा सकता है।
ITR फाइल करने के लिए जरूरी दस्तावेज
ITR दाखिल करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जरूरत होती है। इसमें प्रमुख हैं – फॉर्म 26AS और एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS)।
फॉर्म 26AS में क्या होता है?
यह दस्तावेज आपके टैक्स से संबंधित सभी गतिविधियों का लेखा-जोखा रखता है। इसमें आपके वेतन, ब्याज, लाभांश और अन्य स्रोतों से हुई आय पर टीडीएस या टीसीएस की जानकारी होती है।
AIS क्या बताता है?
AIS यानी Annual Information Statement, दो भागों में जानकारी देता है। पहले भाग में करदाता की व्यक्तिगत जानकारी होती है जैसे कि आधार नंबर, पैन, मोबाइल नंबर आदि। दूसरे भाग में कर से संबंधित तकनीकी जानकारी जैसे – टीडीएस, बैंक ट्रांजैक्शन, निवेश आदि शामिल होते हैं।
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फॉर्म 16/16A की भूमिका
- फॉर्म 16 उन लोगों के लिए होता है जिनकी आय का स्रोत केवल वेतन है। इसमें नियोक्ता द्वारा की गई टीडीएस कटौती और वेतन का पूरा ब्योरा होता है।
- फॉर्म 16A उन व्यक्तियों के लिए जरूरी होता है जिनकी आय वेतन के अलावा अन्य स्रोतों से होती है, जैसे कि फिक्स्ड डिपॉजिट, बीमा कमीशन, किराया या प्रतिभूतियों पर ब्याज आदि।
इन फॉर्म्स में दर्ज जानकारी की मिलान करना जरूरी होता है। यदि इनमें कोई गड़बड़ी हो तो संबंधित कर्मचारी या संस्थान से संपर्क करके सुधार करवाना चाहिए।
कर व्यवस्था का चुनाव सोच-समझकर करें
ITR भरते समय यह तय करना जरूरी है कि आप पुरानी कर व्यवस्था को अपनाना चाहते हैं या नई को।
- पुरानी कर व्यवस्था में कई छूट जैसे HRA, LTA और स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलती हैं।
- नई कर व्यवस्था में स्लैब कम हैं लेकिन कोई छूट नहीं मिलती।
दोनों विकल्पों की तुलना करके ही कोई निर्णय लें, ताकि आप ज्यादा बचत कर सकें।
ITR नहीं भरा तो क्या होगा?
अगर कोई व्यक्ति 31 जुलाई 2025 तक अपना ITR फाइल नहीं करता है, तो उसे ₹1,000 से ₹5,000 तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसके साथ ही, अगर रिफंड बनता है तो उसमें देरी हो सकती है और किसी प्रकार की गलती के लिए आयकर विभाग से नोटिस भी आ सकता है।
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गलती हो जाए तो क्या करें?
अगर आपने गलती से कोई जानकारी गलत भर दी है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। आयकर विभाग की ओर से रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करने की सुविधा भी दी जाती है, जिसे डेडलाइन के भीतर दोबारा फाइल किया जा सकता है।
समाप्ति: समय रहते ITR भरना क्यों जरूरी है?
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना न सिर्फ एक कानूनी प्रक्रिया है बल्कि आपकी फाइनेंशियल क्लीन इमेज के लिए भी जरूरी है। इससे भविष्य में लोन, वीज़ा या अन्य आर्थिक कार्यों में सहायता मिलती है। अगर आप पहली बार रिटर्न भर रहे हैं, तो ऊपर दी गई सभी बातों का ध्यान रखें और समय रहते प्रक्रिया पूरी कर लें।