रेलवे का हॉर्न बताता है यह खास बातें, यह खास इशारे जान के चौक जाओगे Indian Railway Facts

Indian Railway Facts: क्या आपने कभी सोचा है कि ट्रेन का हॉर्न सिर्फ आवाज़ नहीं, बल्कि एक भाषा है? हर बार जब ड्राइवर हॉर्न बजाता है, तो वो सिर्फ लोगों को हटने का संकेत नहीं देता, बल्कि रेलवे के अंदरूनी सिस्टम को कोई जरूरी संदेश देता है.

हॉर्न: एक कोड भाषा, न कि सिर्फ शोर

ट्रेन के हॉर्न की आवाजें रेलवे स्टाफ के बीच “साइलेंट कम्युनिकेशन सिस्टम” की तरह काम करती है. ड्राइवर, गार्ड और ट्रैक स्टाफ इन सिग्नलों से तुरंत समझ जाते हैं कि क्या करना है—बिना किसी बातचीत के.

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जानिए ट्रेन हॉर्न के कोड और उनके मतलब

हॉर्न का पैटर्नक्या मतलब होता है
एक छोटी सीटीट्रेन को किसी अतिरिक्त इंजन की जरूरत नहीं है
एक छोटी + एक लंबी सीटीट्रेन को पीछे से इंजन की मदद चाहिए (ढलान या भारी ट्रेन)
दो छोटी सीटीड्राइवर गार्ड से ट्रेन चलाने की अनुमति मांगता है
तीन छोटी सीटीइमरजेंसी – गार्ड को ब्रेक लगाने का निर्देश
चार छोटी सीटीट्रैक पर रुकावट है, गार्ड से सहयोग की मांग
एक लंबी + एक छोटी सीटीट्रेन मेन लाइन पर जाने के लिए तैयार है
दो लंबी + दो छोटी सीटीगार्ड को ड्राइवर के पास बुलाया जा रहा है
लगातार छोटी सीटीट्रैक पर गंभीर खतरा – जानवर, इंसान, रुकावट आदि
दो छोटी + एक लंबी सीटीचेन पुलिंग या गार्ड द्वारा ट्रेन रोकी गई है

क्यों जरूरी है इन हॉर्न संकेतों की जानकारी?

रेलवे नेटवर्क बहुत विशाल और व्यस्त है. ऐसे में संवाद का तेज़ और सटीक तरीका ही जान बचा सकता है.
हॉर्न कोड के फायदे:

  • ड्राइवर और गार्ड तुरंत एक-दूसरे को संकेत दे सकते हैं
  • इमरजेंसी में बिना समय गंवाए फैसला लिया जा सकता है
  • स्टेशन स्टाफ को ट्रैक की स्थिति का अनुमान मिल जाता है

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यात्रियों को क्या फायदा?

अगर आप अक्सर ट्रेन से सफर करते हैं, तो इन हॉर्न संकेतों को जानना आपको ये फायदे देगा:

  • पता चल जाएगा कि ट्रेन चलने वाली है या नहीं
  • किसी इमरजेंसी का अंदाजा पहले ही लग सकता है
  • रेलवे स्टाफ की गतिविधियां बेहतर समझ में आएंगी

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