First Class Admission Age: हरियाणा में पहली कक्षा में दाखिले को लेकर शिक्षा विभाग ने एक अहम फैसला लिया है। अब राज्य के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में कक्षा 1 में प्रवेश के लिए बच्चे की न्यूनतम आयु 6 वर्ष तय की गई है। यह निर्णय नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुसार लिया गया है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि पूरे देश में पहली कक्षा के लिए न्यूनतम उम्र 6 वर्ष होनी चाहिए। हालांकि, हरियाणा सरकार ने 6 महीने की अतिरिक्त छूट भी दी है, जिससे बच्चों का शैक्षणिक वर्ष बर्बाद न हो।
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1 अप्रैल तक 6 साल की उम्र अनिवार्य
शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी नवीनतम निर्देशों के अनुसार, केवल वे बच्चे पहली कक्षा में दाखिले के योग्य होंगे जिनकी उम्र 1 अप्रैल 2025 तक 6 वर्ष पूरी हो जाएगी। हालांकि, जिन बच्चों की उम्र इस तारीख तक पूरी नहीं हो पा रही है, उनके लिए भी छूट का प्रावधान किया गया है। ऐसे बच्चे 30 सितंबर 2025 तक 6 साल की उम्र पूरी करने पर भी दाखिले के योग्य माने जाएंगे। इससे कई माता-पिता को राहत मिलेगी जो चिंता में थे कि उनके बच्चों का एक साल बर्बाद हो सकता है।
पूर्व-प्राथमिक कक्षा से आने वाले बच्चों को मिलेगी राहत
शिक्षा विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि वे बच्चे जो पहले से किसी स्कूल में पूर्व-प्राथमिक (Pre-Primary) कक्षा में पढ़ रहे हैं, लेकिन 1 अप्रैल 2025 तक 6 साल के नहीं हो पाएंगे, उन्हें स्तरोन्नत (Promoted) कर के पहली कक्षा में दाखिला दिया जाएगा। यह नियम बच्चों की पढ़ाई को बिना रोके जारी रखने के लिए लागू किया गया है। इस नीति से यह सुनिश्चित होगा कि केवल उम्र की कमी के कारण किसी भी छात्र की पढ़ाई बाधित न हो।
पिछली नीति क्या थी?
पिछले साल यानी 2023-24 के शैक्षणिक सत्र में हरियाणा में पहली कक्षा में दाखिले के लिए न्यूनतम आयु सीमा 5 वर्ष 6 माह थी। लेकिन 2024-25 से इसे बढ़ाकर 6 वर्ष कर दिया गया है। यह बदलाव NEP 2020 के उस उद्देश्य के तहत किया गया है जिसमें कहा गया है कि बच्चे को स्कूल भेजने से पहले उसे मानसिक, सामाजिक और शैक्षणिक रूप से तैयार किया जाना चाहिए।
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नई नीति क्यों है जरूरी?
NEP 2020 के अनुसार, बच्चों को पहली कक्षा में भेजने से पहले तीन साल की प्री-स्कूलिंग (Play Group, Nursery, KG) मिलनी चाहिए। इससे बच्चा न केवल सोचने और समझने की क्षमता विकसित करता है, बल्कि औपचारिक शिक्षा के लिए मानसिक रूप से तैयार भी होता है। इसलिए पहली कक्षा के लिए 6 वर्ष की उम्र को सही और उपयुक्त माना गया है।
माता-पिता के लिए जरूरी सावधानियां
बच्चे के दाखिले के समय माता-पिता को कुछ अहम बातों का ध्यान रखना होगा:
- बच्चे की जन्मतिथि का प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से देना होगा।
- अगर बच्चे की उम्र 1 अप्रैल 2025 तक 6 साल पूरी हो रही है तो सीधा दाखिला संभव है।
- यदि उम्र पूरी नहीं हो रही है, तो यह देखना होगा कि क्या 30 सितंबर 2025 तक 6 साल पूरे हो रहे हैं या नहीं।
- जिन बच्चों की जन्मतिथि 1 अप्रैल 2019 से 30 सितंबर 2019 के बीच की है, वे छूट के दायरे में आएंगे।
स्कूलों के लिए निर्देश
शिक्षा निदेशालय ने राज्य के सभी सरकारी और मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को निर्देशित किया है कि वे दाखिले के समय बच्चों की उम्र की सख्ती से जांच करें। केवल आयु सीमा में आने वाले बच्चों को ही प्रवेश दिया जाए। यदि कोई स्कूल नियमों का उल्लंघन करते हुए उम्र से कम बच्चों को दाखिला देता है, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।