CIBIL Score: पिछले कुछ महीने से रिजर्व बैंक को कयी सिबिल स्कोर को लेकर के शिकायतों का सामना करना पड़ा है. इन सभी शिकायतों को और त्रुटियों को मध्यनजर रखते हुए RBI ने 6 नये रुल्स को पेश किया है. सिबिल स्कोर बढीया होने का फायदा होता है को आपको ज्यादा, जल्द और कम ब्याज दरों में लोन मिलता है. इसके विपरीत अगर आपका सिबिल स्कोर खराब हुआ है तो आपको लोन के समय दिक्कतों का सामना करना पड सकता है.
सिबिल स्कोर को बेहतर रखने के लिए आपको सबसे पहले एक बात गांठ बांध लेना है कि आपको कभी भी कीसी भी लोन का ईएमआई बाउंस नहीं होने देना है. इसके वजह से आपका सिबिल सबसे ज्यादा गिर जाता है. इसके साथ और नये 6 SIBIL SCORE नियमों को अभी हम जानने की कोशिश करते हैं.
Read Also : 500 रुपये का इन्स्टंट लोन देंगी यह 500 Rs Loan App, अभी करें अप्लाई और उठाये लाभ
15 डे सिबिल
रिजर्व बैंक के नये नियमों के अनुसार अब सिबिल स्कोर हर 15 दिन बाद अपडेट होगा. RBI ने सभी बैंक और संस्थाओं को हर 15 दिन बाद डेटा प्रदान करके सिबिल स्कोर को 15 दिन के बाद हि अपडेट करने के आदेश दिये है.
ग्राहक को दो जानकारी
RBI ने क्रेडिट इनफार्मेशन एजंसी को आदेश दिये है कि अगर कोई बैंक या वित्तीय संस्था किसी ग्राहक का क्रेडिट स्कोर या क्रेडिट रिपोर्ट कि जानकारी चेक करते हैं तो उन्हें उस ग्राहक को इसके बारे में SMS या इमेल के जरिये इसके बारे में बताना बंधनकारक है. इसका मतलब अब कोई भी आपका क्रेडिट रिपोर्ट निकालता है तो इसके बारे में आपको पता चलनेवाला है.
रिक्वेस्ट रिजेक्ट
RBI के नये रूल अनुसार अगर कस्टमर की यानी हमारे जैसे आम लोगों की अगर रिक्वेस्ट को रिजेक्ट किया जाता है तो उसकी वजह ग्राहक को बताना जरुरी है. इसके साथ ही इस वजह को क्रेडिट संस्था के साथ शेयर करना जरुरी है.
Read Also : PhonePe Personal Loan: 5 लाख रुपये का पर्सनल लोन देगा अब आपका फोनपे, अभी ऐसे करें आवेदन
फ्री फुल क्रेडिट रिपोर्ट
भारतीय रिजर्व बैंक के नए रूल के अनुसार क्रेडिट कंपनीओ को ग्राहक को साल में एक बार फुल क्रेडिट स्कोर रिपोर्ट को देना होगा. इसकी जानकारी क्रेडिट कंपनीओ को अपने वेबसाइट पर पब्लिक भी करनी होगी.
डिफॉल्ट रिपोर्ट रूल
अगर कोई कस्टमर डिफ़ॉल्ट होनेवाला है तो इसके बारे में और डिफ़ॉल्ट को रिपोर्ट करने से पहले इसके बारे में कस्टमर को SMS या ईमेल द्वारा बताना जरुरी है.
30 दिन शिकायत रूल
क्रेडिट कंपनी को किसी भी ग्राहक के शिकायत को 30 से पहले resolve करना होगा. अगर क्रेडिट कंपनी ऐसा नहीं करती तो 30 दिन के बाद हर एक दिन को कंपनी को 100 रुपये का जुरमाना देना होगा. इसमेसे 21 दिन बैंक या लोन बाटनीवाली संस्था को और 9 दिन का समय क्रेडिट ब्यूरो को दिया जायेगा. इसमेसे जो भी लेट होगा उसे जुरमाना भरना होगा.