CBSE ने स्टूडेंट्स लिए बनाये सख्त नियम,अब स्कूल नहीं जाने वाले स्टूडेंट्स नहीं दे पाएंगे 12वीं बोर्ड परीक्षा CBSE Board Rules 2025

CBSE Board Rules 2025: CBSE (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) ने स्कूली शिक्षा को गंभीरता से लेने के लिए एक महत्वपूर्ण और सख्त कदम उठाया है। अब जो छात्र केवल नाम के लिए स्कूल में नामांकित हैं लेकिन नियमित कक्षाओं में नहीं जाते, उन्हें 12वीं बोर्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिलेगी

क्या है मामला? कहां से शुरू हुई जांच?

  • सीबीएसई ने बिहार, दिल्ली और राजस्थान के कोटा जैसे क्षेत्रों में दो बार निरीक्षण अभियान चलाया।
  • निरीक्षण के दौरान वीडियो रिकॉर्डिंग और दस्तावेज़ों के जरिए छात्रों की उपस्थिति की जांच की गई।
  • जांच में सामने आया कि कई स्कूल कोचिंग संस्थानों के साथ मिलकर छात्रों को बिना हाजिरी बोर्ड परीक्षा में शामिल करवा रहे हैं।

निष्कर्ष: कई छात्र केवल “डमी स्टूडेंट” हैं

  • डमी स्टूडेंट वे होते हैं जो सिर्फ बोर्ड परीक्षा देने के लिए स्कूल में नामांकन करवाते हैं, लेकिन पढ़ाई किसी कोचिंग संस्थान से करते हैं।
  • ये प्रवृत्ति शिक्षा की गुणवत्ता और स्कूलों की साख को नुकसान पहुंचा रही है।

सीबीएसई का नया नियम: बिना उपस्थिति के नहीं मिलेगी अनुमति

  • अब कोई भी छात्र बिना नियमित उपस्थिति के CBSE बोर्ड परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेगा।
  • ऐसे छात्रों को केवल NIOS (राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान) से ही परीक्षा देने का विकल्प मिलेगा।
  • जो स्कूल इसमें लिप्त पाए जाएंगे, उनकी मान्यता तक रद्द की जा सकती है।

किन क्षेत्रों पर पड़ेगा सबसे अधिक असर?

बिहार

  • बिहार में 10वीं के बाद छात्र सरकारी स्कूलों में नामांकन लेकर कोचिंग हब जैसे पटना, कोटा, दिल्ली चले जाते हैं।
  • अब बिना नियमित स्कूल उपस्थिति के वे CBSE से परीक्षा नहीं दे सकेंगे।

अन्य राज्य

  • दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भी डमी स्टूडेंट्स की संख्या काफी ज्यादा है।
  • यह निर्णय इन राज्यों में भी बड़े स्तर पर छात्रों को प्रभावित करेगा।

शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में बड़ा कदम

क्यों लिया गया यह फैसला?

  • स्कूली शिक्षा को सिर्फ एक औपचारिकता नहीं रहने देना है।
  • छात्र स्कूल आएं, कक्षाओं में भाग लें और समग्र विकास करें — इसी उद्देश्य से यह सख्ती की गई है।

स्कूलों और शिक्षकों की भूमिका बढ़ी

  • अब शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि वे छात्रों को पढ़ाई के प्रति प्रेरित करें।
  • सरकार को भी स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं (जैसे लैब, लाइब्रेरी) सुनिश्चित करनी होगी।

राज्य बोर्ड भी कर रहे हैं प्रयास

  • बिहार बोर्ड ने भी डमी स्टूडेंट्स पर अंकुश लगाने के लिए कदम उठाए हैं।
  • हालांकि अधूरी सुविधाएं और संसाधनों की कमी अब भी एक बड़ी चुनौती हैं।
  • अब शिक्षा विभागों ने मॉनिटरिंग और रिपोर्टिंग सिस्टम को मजबूत करना शुरू किया है।

निष्कर्ष: शिक्षा को गंभीरता से लेने का समय आ गया है

CBSE के इस सख्त कदम से छात्रों को स्कूल की पढ़ाई को प्राथमिकता देनी होगी।
यह केवल परीक्षा पास करने की औपचारिकता नहीं रह जाएगी — अब जरूरी है कि:

  • छात्र नियमित रूप से स्कूल आएं
  • स्कूल पढ़ाई का माहौल और संसाधन उपलब्ध कराएं
  • शिक्षकों को छात्रों में शिक्षा के प्रति रुचि जगानी होगी

यदि इस फैसले को पूरी गंभीरता से लागू किया गया, तो यह भारतीय शिक्षा प्रणाली में सकारात्मक और ऐतिहासिक बदलाव ला सकता है।

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