Types of SIP: करोड़ो की संपत्ति कमानी है SIP से? जानिए यह SIP प्रकार और करिये अभी इन्वेस्टमेंट्स

Types of SIP: 2025 के ज़माने में आज युवाओं की इन्वेस्टमेंट पहले चॉइस SIP ही देखने को मिल रही है. SIP यह एक म्यूच्यूअल फंड में रेगुलर और अनुशाषित तरीकेसे इन्वेस्टमेंट करने का तरीका है, जो आपके भविष्य के बड़े गोल को पूरा करने में मदद करता है. लॉन्ग टर्म में जैसे की 10, 15 या 20 सालों में SIP और कम्पाउंडिंग की मदद से आप भारत के चुनिंदा करोड़पति लोगों की यादी में जरूर आ सकते है.

जैसे की आप सब जानते ही होंगे की समय समय पर आप अपने SIP में जरुरी बदलाव भी कर सकते है या फिर नए म्यूच्यूअल फंड की SIP भी शुरू कर सकते है. यहाँ तक की बात तो सभी आम इन्वेस्टर को पता होती है लेकिन Types of SIP यानी की SIP के प्रकार के बारे में आपके किसी भी नजदीकी व्यक्ति को नहीं पता होंगा. अगर आप भी करोड़पति बनने की राह पर निकले है तो चलिए SIP क्या होती है और सभी एसआईपी के प्रकारों के बारे में जानने की कोशिश करते है.

SIP क्या होती है

SIP का फुल फॉर्म Systematic Investment Plan यह होता है. एसआईपी यह एक म्यूच्यूअल फंड में प्रवेश करने का या फिर उसे खरीदने का तरीका है. एसआईपी के जरिये आप अलग अलग इंटरवल में जैसे की 1 सप्ताह, 1 महीना, और 3 महीने के अंतराल पर म्यूच्यूअल फंड खरीद सकते है. SIP आपके बैंक अकाउंट से आटोमेटिक पैसे कपात कर के आपने चुने हुए पैसों से और चुने हुए फंड में इन्वेस्टमेंट करता है. जो आपको एक अनुशासित इन्वेस्टमेंट प्रदान करता है.

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SIP के प्रकार

अलग अलग अवधि, आपके फिक्स किये हुए गोल और आपकी इन्वेस्टमेंट राशि इसके आधार पर SIP के विशिष्ठ प्रकार पड़ते है. निचे हम अभी SIP के सभी 6 प्रकारों के बारे में जानने की कोशिश करते है और SIP के उस प्रकार की क्या खासियत है उसके बारे में भी जानने की कोशिश करते है.

  • Flexi SIP – इस प्रकार के SIP में इन्वेस्टर उसके SIP राशि को हर महीने बढ़ा या फिर घटा सकता है. लेकिन यह सुविधा इन्वेस्टर के इनकम और एक्सपेंसेस पर थोड़ी निर्भर करती है.
  • Top-up SIP – टॉप अप SIP में इन्वेस्टर अपनी आय बढ़ने पर SIP राशि को बढ़ा सकता है. यह SIP प्रकार सभी सैलरीवाले इन्वेस्टर को फायदेमंद है जिनकी सालाना सैलरी बढती है.
  • Perpetual SIP – परपेचुअल एसआईपी यह एक ऐसा SIP प्रकार है जिसकी कोई एंडिंग नहीं होती. इस प्रकार के SIP में निवेशक तब तक पैसे डाल सकता है जब तक वह खुद SIP को क्लोज नहीं करता.
  • Step-up SIP – स्टेप अप मतलब हर साल एक स्टेप आग बढ़ते हुए अपनी SIP राशि को बढ़ाना यह होता है. जैसे ही आपकी आय बढती है उस हिसाबसे आप 5, 10, 15% इस तरह आपके हिसाब से अपनी स्टेप अप वैल्यू फिक्स कर सकते है.
  • Goal-based SIP – गोल यानी आपका कोई बड़ा लक्ष्य जैसे की बच्चों की शादी उनका उच्च शिक्षण या फिर घर खरीदना. इस तरह के गोल के लिए विशिष्ट राशि का टारगेट रख कर जो SIP आप करते है उसेही Goal-based SIP कहते है.
  • Micro SIP – छोटे दुकानदार, रोजनदारी काम करनेवाले या फिर कम आयवाले लोगों के लिए बहुतही कम राशिमें इन्वेस्टमेंट करने का ऑप्शन माइक्रो एसआईपी देता है. इस प्रकार के SIP में आप आप 500 रुपये या फिर उससे कम राशी की भी इन्वेस्टमेंट कर सकते है.

SIP में कैसे इन्वेस्ट करें

  1. SIP में इन्वेस्ट करने के लिया आपको नीचे दिए गए कुछ पॉइंट्स को समझना होगा और उन्हें फॉलो करना होगा.
  2. सबसे पहले किस गोल के लिए म्यूच्यूअल फंड SIP को शुरू कर रहे है उसका चुनाव करे.
  3. आपके गोल, रिस्क कैपेसिटी और अपेक्षित रिटर्न के हिसाबसे म्यूच्यूअल फंड का चुनाव करें.
  4. उसके बाद आपके आधार कार्ड, पैन कार्ड और बैंक खाते की उपयोग कर के किसी एक म्यूच्यूअल फंड प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन कर के आपका एक अकाउंट ओपन करें.
  5. उसके बाद आपको कितनी अमाउंट की इन्वेस्टमेंट करनी है और कितने कालावधी पर करनी है उसका चुनाव करे.
  6. आखरी में SIP पेमेंट के आटोमेटिक डेबिट का चुनाव या फिर Mandate को अपने बैंक अकाउंट के साथ सेट करे.

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SIP के फायदे

  • SIP इन्वेस्टिंग की वजह से बाजार के हर अप डाउन भागों में आपका पैसा फिक्स इंटरवल जैसे की हर महीने लगता है, जिसकी वजह से आपकी इस बेस्ट एवरेजिंग हो जाती है.
  • वर्ल्ड का 8 वा अजूबा “कम्पाउंडिंग” की पावर आपको लम्बे समय की SIP करके समझ में आती है. आपके लाखों कैसे करोड़ो में बदल जाते है आपको समझ में भी नहीं आएगा.
  • हर महीने के शुरुआत में या फिर आपने फिक्स करे तारीख को आटोमेटिक SIP के पैसे कटते रहते है, जो की आपकी इन्वेस्टमेंट को एक अनुशासन प्रदान करता है.
  • SIP में आपकी बून्द बून्द मासिक इन्वेस्टमेंट किस तरह समंदर बन जाती है वह आपको एक लम्बे समय के बाद समझ में आता है.

SIP के रिटर्न

SIP म्यूच्यूअल फंड से मिलनेवाले रिटर्न पूरी तरह से मार्किट के उतार चढाव पर डिपेंड होते है. किसी कारन से अगर इंटरनेशनल बाजारों में गिरावट होती है तो आपकी इन्वेस्टमेंट काफी ज्यादा कम हो सकती है. कभी कबार तो यह आपकी इन्वेस्टमेंट तो नेगेटिव भी हो सकती है. लेकिन ऐसे समय में आपको और इन्वेस्टमेंट करके दटे रहना पड़ता है, क्योंकि उस समय आपको सस्ते दामों में म्यूच्यूअल फंड यूनिट मिल रहे होते है.

SIP में आपको 20 – 30 % के भी रिटर्न मिल सकते है लेकिन इन्वेस्टमेंट शुरू करते समय आपको सिर्फ 12 – 15% रिटर्न की ही अपेक्षा रखना सही होगा. उदहारण के लिए अगर आप 5 हजार की SIP 10 साल तक करते है तो आपकी इन्वेस्टमेंट 12 % के हिसाब से 6 लाख से लगबघ 12 लाख हो जाती है. अगर यह SIP आप 20 साल तक जारी रखते है तो वह 50 लाख रुपये हो जाती है.

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