RBI ने 100 और 200 नोटों पर लिया बड़ा फैसला , जानें इसके नए निर्देश RBI Bank Rules

RBI Bank Rules: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आम लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक अहम फैसला लिया है। अब देशभर के बैंकों और व्हाइट लेबल एटीएम (WLA) ऑपरेटरों को अपने एटीएम में 100 और 200 रुपये के नोटों की उपलब्धता बढ़ानी होगी। यह फैसला उन लोगों के लिए राहत भरा है, जिन्हें अक्सर एटीएम से सिर्फ 500 रुपये या उससे बड़े नोट मिलते हैं, जिससे छोटी खरीदारी में परेशानी होती है।

छोटे नोटों की उपलब्धता क्यों है जरूरी?

रोजमर्रा की जरूरतों के लिए छोटे नोटों का होना बेहद जरूरी है:

  • छोटी खरीदारी के लिए 100 और 200 रुपये के नोट सबसे अधिक उपयोगी होते हैं।
  • बड़े नोट मिलने पर चेंज की समस्या होती है, जिससे दुकानदार और ग्राहक दोनों परेशान होते हैं।
  • छोटे नोटों की उपलब्धता से नकद लेन-देन में आसानी होती है और बाजार में तरलता बनी रहती है
  • यह निर्णय आम जनता की सुविधा को बेहतर बनाने के लिए लिया गया है।

व्हाइट लेबल एटीएम क्या होते हैं?

बहुत से लोग व्हाइट लेबल एटीएम (WLA) के बारे में कम जानते हैं:

  • ये एटीएम किसी बैंक के नहीं होते, बल्कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) द्वारा लगाए जाते हैं।
  • इनमें भी डेबिट/क्रेडिट कार्ड से कैश निकासी, बैलेंस चेक जैसी सुविधाएं मिलती हैं, जैसे बैंक एटीएम में होती हैं।
  • इनका उद्देश्य दूरदराज के इलाकों में बैंकिंग सेवाएं पहुंचाना है।
  • अब RBI ने इन्हें भी छोटे नोटों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

आरबीआई के नए सर्कुलर में क्या कहा गया है?

RBI ने अपने नए सर्कुलर में बैंकों और एटीएम ऑपरेटरों को निम्नलिखित निर्देश दिए हैं:

  • सभी एटीएम में 100 और 200 रुपये के नोट नियमित रूप से उपलब्ध कराए जाएं।
  • 30 सितंबर 2025 तक देश के 75% एटीएम में कम से कम एक कैसेट में छोटे नोट अनिवार्य रूप से होने चाहिए।
  • 31 मार्च 2026 तक यह संख्या बढ़ाकर 90% एटीएम तक पहुंचाई जानी है।
  • इस प्रक्रिया को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा ताकि किसी प्रकार की परेशानी न हो।

1 मई से बदल जाएंगे एटीएम ट्रांजैक्शन चार्ज

छोटे नोटों के साथ-साथ एटीएम से जुड़े चार्जेस में भी बदलाव किया जा रहा है:

  • 1 मई 2025 से अगर कोई ग्राहक अपने होम बैंक नेटवर्क के बाहर किसी अन्य बैंक के एटीएम से पैसा निकालता है तो उसे 19 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन देने होंगे (पहले 17 रुपये थे)।
  • बैलेंस चेक करने का शुल्क भी 6 रुपये से बढ़कर 7 रुपये हो जाएगा।
  • ये बदलाव NPCI के प्रस्ताव पर आधारित हैं और RBI ने इन्हें मंजूरी दी है।

क्यों बढ़ाए गए एटीएम ट्रांजैक्शन शुल्क?

ट्रांजैक्शन चार्ज बढ़ाने के पीछे कई कारण हैं:

  • एटीएम की रखरखाव लागत, सुरक्षा व्यवस्था, कैश रीलोडिंग, सॉफ्टवेयर अपग्रेड जैसी सुविधाओं में खर्च बढ़ा है।
  • फ्रॉड डिटेक्शन और टेक्नोलॉजी अपग्रेड के लिए भी अधिक निवेश की आवश्यकता होती है।
  • अतिरिक्त खर्च को संतुलित करने के लिए शुल्क में यह बढ़ोतरी की गई है।
  • हालांकि, होम बैंक के एटीएम से की गई कुछ ट्रांजैक्शन अब भी फ्री लिमिट के अंतर्गत रहेंगी।

आम जनता के लिए जरूरी सुझाव

आरबीआई के इस फैसले को ध्यान में रखते हुए जनता को कुछ सुझाव अपनाने चाहिए:

  • अतिरिक्त शुल्क से बचने के लिए अपने बैंक के एटीएम का अधिक उपयोग करें।
  • छोटे नोट आसानी से मिलने लगें, तब बार-बार एटीएम जाने की जरूरत न हो — जरूरत के हिसाब से ही नकदी निकालें
  • डिजिटल पेमेंट और मोबाइल बैंकिंग का अधिक इस्तेमाल करें ताकि नकदी पर निर्भरता कम हो।

निष्कर्ष: सुविधा और सतर्कता दोनों जरूरी

RBI का यह फैसला आम जनता के लिए राहत और चेतावनी दोनों है। अब जहां एक ओर 100 और 200 रुपये के नोट आसानी से उपलब्ध होंगे, वहीं दूसरी ओर बढ़े हुए ट्रांजैक्शन शुल्क को लेकर सतर्क रहना भी जरूरी होगा।

  • छोटे नोटों से खरीदारी करना आसान होगा।
  • लेकिन गैर-होम बैंक एटीएम से नकदी निकालते समय सोच-समझकर कदम उठाना होगा।
  • यह पहल बैंकिंग व्यवस्था को और अधिक व्यावहारिक और सुविधा जनक बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।

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