New Horn Rule: भारत की सड़कों पर ट्रैफिक जाम के दौरान तेज और तीखे हॉर्न की आवाजें आम हैं, जो न सिर्फ कानों के लिए असहनीय होती हैं बल्कि मानसिक तनाव का कारण भी बनती हैं। लेकिन अब इस शोरगुल से राहत मिलने वाली है। केंद्र सरकार जल्द ही नया नियम लागू करने जा रही है, जिसके बाद सड़कों पर गाड़ियों के हॉर्न की आवाज में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। आइए जानते हैं इस नए नियम से जुड़ी हर जरूरी जानकारी।
मौजूदा हॉर्न से होते हैं गंभीर स्वास्थ्य प्रभाव
तेज हॉर्न से बढ़ता है ध्वनि प्रदूषण
आज के समय में कार, बस और ट्रक जैसे वाहनों में बहुत तेज आवाज वाले हॉर्न लगाए जाते हैं। कुछ भारी वाहनों में तो बॉलीवुड गानों के हॉर्न भी सुनाई देते हैं, जो ध्वनि प्रदूषण को और बढ़ा देते हैं।
स्वास्थ्य पर पड़ता है बुरा असर
तेज हॉर्न से न केवल सिरदर्द और चिड़चिड़ापन बढ़ता है, बल्कि हार्ट पेशेंट्स और बुजुर्गों के लिए यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। लगातार तेज आवाज के संपर्क में आने से मानसिक तनाव, सुनने की क्षमता में कमी और हाइपरटेंशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने हॉर्न साउंड को नियंत्रित करने का फैसला लिया है।
मधुर संगीत वाले हॉर्न का प्रस्ताव
भारतीय वाद्ययंत्रों की धुनें सुनाई देंगी
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में जानकारी दी कि सरकार ऐसा कानून लाने जा रही है, जिसमें गाड़ियों के हॉर्न भारतीय वाद्ययंत्रों की मधुर धुनों पर आधारित होंगे।
शांति और मानसिक सुकून का मिलेगा अनुभव
जब सड़क पर वाहन हॉर्न बजाएंगे तो तेज चीखती आवाजों के बजाय तबला, बांसुरी, हारमोनियम, वायलिन और शहनाई जैसे साजों की मधुर आवाजें सुनाई देंगी। इससे ध्वनि प्रदूषण में कमी आएगी और सड़क यात्रियों को मानसिक राहत भी मिलेगी।
कौन-कौन से वाद्ययंत्र होंगे शामिल?
नए नियम के तहत हॉर्न साउंड के लिए जिन वाद्ययंत्रों का उपयोग किया जाएगा, उनमें शामिल हैं:
- तबला
- बांसुरी
- हारमोनियम
- वायलिन
- शहनाई
इन पारंपरिक भारतीय वाद्ययंत्रों की धुनें वातावरण को अधिक सौम्य और सुखद बनाएंगी।
कब तक लागू हो सकता है नया कानून?
नितिन गडकरी ने संकेत दिए हैं कि सरकार इस दिशा में तेज गति से काम कर रही है। जल्द ही इस प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जाएगा और नया कानून लागू होगा।
नई और पुरानी गाड़ियों पर असर
- सभी नई गाड़ियों में मधुर हॉर्न सिस्टम अनिवार्य कर दिया जाएगा।
- पुराने वाहनों के लिए भी नियमों में संशोधन कर उन्हें अपडेट करने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।