WORKERS GOVT SCHEME: उत्तराखंड सरकार ने राज्य के निर्माण कार्यों से जुड़े श्रमिकों के जीवन को आसान बनाने और उन्हें सामाजिक सुरक्षा देने के लिए एक सराहनीय कदम उठाया है. भवन एवं संनिर्माण श्रमिक योजना के अंतर्गत श्रमिकों और उनके परिवारों को शिक्षा, स्वास्थ्य, विवाह और दुर्घटनाओं से जुड़ी सहायता प्रदान की जा रही है. इस योजना का संचालन राज्य श्रम विभाग द्वारा किया जा रहा है.
योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के पंजीकृत श्रमिकों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करना और उनके परिवार की बुनियादी जरूरतों को पूरा करना है. इससे न केवल श्रमिकों को राहत मिलेगी, बल्कि उनका सामाजिक जीवन भी सम्मानपूर्वक चल सकेगा.
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क्या-क्या मिलते हैं लाभ?
हल्द्वानी के उपश्रमायुक्त कमल जोशी के अनुसार, नैनीताल जनपद में अब तक 45,886 श्रमिक पंजीकृत हो चुके हैं, जिनमें से 26,198 पुरुष और 19,688 महिलाएं है. पंजीकृत श्रमिकों को निम्नलिखित सुविधाएं प्रदान की जाती हैं:
- टूल किट, साइकिल, सिलाई मशीन, सोलर लालटेन और छाता
- महिला श्रमिकों के लिए सैनिटरी नैपकिन और ₹6000 की प्रसूति सहायता
- बच्चों के लिए छात्रवृत्ति
- बेटी की शादी के लिए ₹51,000 की सहायता
- श्रमिक की मृत्यु पर मुआवजा राशि बच्चों की पढ़ाई के लिए वार्षिक छात्रवृत्ति
पंजीकृत श्रमिकों के दो बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रतिवर्ष छात्रवृत्ति दी जाती है:
- कक्षा 1 से 5 तक: ₹1800
- कक्षा 6 से 10 तक: ₹2400
- कक्षा 11 से 12 तक: ₹3000
- उच्च शिक्षा (कॉलेज, डिप्लोमा, यूनिवर्सिटी): ₹10,000
यह सहायता उन परिवारों के लिए अत्यंत सहायक है, जो आर्थिक तंगी के कारण बच्चों की शिक्षा पर ध्यान नहीं दे पाते।
महिला श्रमिकों को विशेष सुविधा
महिलाओं की स्वास्थ्य सुरक्षा और सामाजिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए विशेष लाभ प्रदान किए जाते हैं:
- प्रसव के समय महिला श्रमिक या श्रमिक की पत्नी को ₹6000
- मासिक स्वच्छता के लिए सैनिटरी नैपकिन और अन्य जरूरी सामग्री
इससे महिला श्रमिकों को स्वास्थ्य और कार्य के बीच संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है.
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बेटी की शादी में ₹51,000 की मदद
पंजीकृत श्रमिक की बेटी की शादी के लिए ₹51,000 की एकमुश्त आर्थिक सहायता दी जाती है. इससे श्रमिकों पर सामाजिक जिम्मेदारियों का बोझ कुछ कम होता है और वे अपनी बेटियों की शादी बिना वित्तीय चिंता के कर सकते है.
दुर्घटना या मृत्यु पर आर्थिक सहायता
- दुर्घटना में मृत्यु पर: ₹4 लाख
- स्वाभाविक मृत्यु पर: ₹2 लाख
यह राशि मृतक के परिवार के जीवन को संभालने में मदद करती है और उन्हें संकट की घड़ी में राहत प्रदान करती है.
योजना में आवेदन की प्रक्रिया
इस योजना का लाभ उठाने के लिए श्रमिक को निम्नलिखित दस्तावेजों के साथ निकटतम CSC (कॉमन सर्विस सेंटर) में जाकर आवेदन करना होता है:
- आधार कार्ड
- बैंक पासबुक की कॉपी
- मोबाइल नंबर
- श्रम प्रमाण पत्र या निर्माण कार्य से जुड़ा कोई सबूत
CSC केंद्र पर बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन के बाद दस्तावेजों की जांच होती है और पात्रता के अनुसार लाभ दिया जाता है.