School Syllabus Changes: बिहार राज्य की सरकारी शिक्षा व्यवस्था में एक ऐतिहासिक परिवर्तन की शुरुआत हो चुकी है. राज्य सरकार ने प्राथमिक कक्षाओं (1 से 5) के लिए नए सिलेबस और नई किताबों की तैयारी का काम तेज़ कर दिया है. यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के दिशा-निर्देशों के अनुसार किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य बच्चों को रट्टा आधारित पढ़ाई से निकालकर समझ और रचनात्मकता पर आधारित शिक्षा देना है.
‘बिहार पाठ्यचर्चा रूपरेखा 2025’ के तहत बनेगा नया सिलेबस
राज्य का नया पाठ्यक्रम ‘बिहार पाठ्यचर्चा रूपरेखा 2025’ के आधार पर तय किया जाएगा इस रूपरेखा का ड्राफ्ट राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) द्वारा तैयार किया गया है और इसे परिषद की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड भी किया जा चुका है. अब आम लोगों से 20 मई 2025 तक इस ड्राफ्ट पर सुझाव मांगे गए हैं, ताकि इसमें सभी वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके.
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नई किताबें स्थानीय संदर्भों और रोचक शैली में
SCERT के अनुसार, नई किताबों की लेखन प्रक्रिया जोरों पर है. विशेषज्ञों की एक टीम बच्चों की आयु, मानसिक स्तर और रुचि को ध्यान में रखते हुए किताबें तैयार कर रही है. इन पुस्तकों में स्थानीय कहानियों, चित्रों, खेल, प्रयोगों और प्रोजेक्ट आधारित लर्निंग को शामिल किया जाएगा, ताकि पढ़ाई बच्चों के लिए सजग, सरल और सजीव बन सके.
यह किताबें बच्चों की रचनात्मक सोच को विकसित करने के साथ-साथ उन्हें अपने परिवेश से जोड़ने में मदद करेंगी. अब विषय केवल याद करने के लिए नहीं, बल्कि समझने और प्रयोग में लाने के लिए होंगे.
कक्षा 6 से 12 तक NCERT की किताबें ही लागू रहेंगी
जहां कक्षा 1 से 5 तक की किताबें राज्य स्तर पर तैयार की जा रही हैं, वहीं कक्षा 6 से 12 तक के लिए NCERT की पुस्तकें ही यथावत रहेंगी. इससे छात्रों को राष्ट्र स्तर पर एक समान शिक्षा मिलेगी और प्रतियोगी परीक्षाओं में उन्हें किसी तरह की असमानता का सामना नहीं करना पड़ेगा.
विशेषज्ञों की निगरानी में बना पाठ्यक्रम ड्राफ्ट
इस नई रूपरेखा को तैयार करने के लिए एक विशेष समिति गठित की गई थी, जिसकी अध्यक्षता पटना विश्वविद्यालय और नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रो. रास बिहारी सिंह ने की. यह समिति इस बात पर केंद्रित रही कि शिक्षा को कैसे अधिक समावेशी, व्यावहारिक और बच्चों के अनुकूल बनाया जाए.
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पढ़ाई होगी अब सरल, संवादात्मक और आनंददायक
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत शिक्षा को रोचक और उपयोगी बनाने की जो पहल की गई थी, यह बदलाव उसी का हिस्सा है. अब बच्चों को किताबों के जरिए केवल विषय रटने की जगह समझने, सवाल पूछने और जीवन से जोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
नई किताबों में स्थानीय कहानियों, चित्रकथाओं और संवाद के ज़रिए बच्चों को पढ़ाई से जोड़ने की कोशिश की जाएगी. यह प्रयास उन्हें केवल बेहतर छात्र नहीं, बल्कि बेहतर सोचने वाले नागरिक बनाएगा.