Summer Vacation Announced: छत्तीसगढ़ सरकार ने भीषण गर्मी और राज्य में बढ़ते तापमान को देखते हुए सभी स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा कर दी है. स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, 25 अप्रैल 2025 से 15 जून 2025 तक सभी स्कूल बंद रहेंगे. यह आदेश प्रदेश के सभी सरकारी, गैर-सरकारी, प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों पर लागू होगा. सरकार का यह निर्णय छात्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.
प्रदेश में गर्मी का बढ़ता प्रभाव
अप्रैल के महीने में ही छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में तापमान 43 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है. सुबह 9 से 10 बजे के बीच ही तेज धूप और लू जैसी गर्म हवाएं महसूस की जा रही है. इससे विशेष रूप से छोटे बच्चों की स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ने का खतरा बढ़ गया है. ऐसी परिस्थिति में बच्चों को स्कूल भेजना उन्हें जोखिम में डालने जैसा है.
चूंकि गर्मी के प्रकोप में आगे और बढ़ोतरी की संभावना है, सरकार ने समय रहते निर्णय लिया ताकि किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य आपदा से बचा जा सके.
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रायपुर सांसद की मांग पर हुआ फैसला
रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने इस विषय में राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखा था. उन्होंने पत्र में यह मांग की कि बढ़ती गर्मी को देखते हुए छोटे बच्चों के लिए समयपूर्व ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित किया जाए. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इतनी तेज गर्मी में बच्चों को स्कूल भेजना उनके स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है.
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि गर्म हवाओं का प्रभाव केवल बच्चों तक सीमित नहीं है, बल्कि बुजुर्ग और बीमार लोग भी इससे प्रभावित हो रहे है. दोपहर के समय सड़कों पर निकलना तक मुश्किल हो गया है.
सभी स्कूलों पर लागू होगा आदेश
शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, यह छुट्टियां केवल सरकारी स्कूलों तक सीमित नहीं होंगी, बल्कि सभी प्रकार के अशासकीय, निजी, अनुदान प्राप्त, मिशनरी और अन्य शैक्षणिक संस्थानों पर भी लागू होंगी. आदेश के मुताबिक यह फैसला तुरंत प्रभाव से लागू किया गया है ताकि बच्चों को गर्मी से राहत दी जा सके.
पहले भी हो चुका है ऐसा फैसला
यह पहला अवसर नहीं है जब प्रदेश सरकार ने गर्मी के कारण समयपूर्व स्कूल बंद करने का फैसला लिया हो. इससे पहले भी पिछले वर्षों में जब गर्मी असामान्य रूप से बढ़ी थी, तब अप्रैल के मध्य या अंत में ही स्कूलों में छुट्टियां घोषित की गई थी. इस बार भी गर्मी की तीव्रता को देखते हुए सरकार ने सुरक्षा के हित में वही निर्णय दोहराया है.
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छात्रों और अभिभावकों को मिली राहत
गर्मी की छुट्टियों की घोषणा से छात्रों और उनके अभिभावकों को बड़ी राहत मिली है. इस मौसम में स्कूल जाना न केवल मुश्किल होता है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी खतरे से कम नहीं होता. तेज गर्मी में बच्चों का मानसिक और शारीरिक रूप से थक जाना स्वाभाविक है. लंबे समय तक गर्म वातावरण में रहना डिहाइड्रेशन, लू और अन्य बीमारियों का कारण बन सकता है.
छुट्टियों से बच्चों को न केवल आराम मिलेगा बल्कि अभिभावक भी उन्हें लेकर अधिक निश्चिंत हो सकेंगे.