Bhu Aadhaar Card: देश में अब जमीनों को भी आधार कार्ड से जोड़ने की योजना बनाई जा रही है, ताकि किसी भी व्यक्ति के लिए उस पर अवैध कब्जा करना मुश्किल हो और भूमि सुरक्षित रहे। वर्तमान में जमीनों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, और लोग इन पर बड़ी रकम खर्च करके उनका उपयोग करने की योजना बनाते हैं। कुछ लोग इसे व्यवसायिक उद्देश्य से खरीदते हैं, जबकि कुछ भविष्य में घर बनाने के लिए जमीन में निवेश करते हैं।
हालांकि, कई बार लोग बड़ी रकम खर्च कर जमीन तो खरीद लेते हैं, लेकिन उसकी देखभाल सही तरीके से नहीं कर पाते, जिसके कारण कभी-कभी दबंग लोग उस पर कब्जा कर लेते हैं। कभी-कभी लोग जमीन पर झोपड़ी या कच्चे मकान बनाकर रहने लगते हैं, और जब इसका पता चलता है, तो विवाद उत्पन्न हो जाता है। ऐसी स्थिति में, जमीन के मालिक को अपनी भूमि को खाली कराना मुश्किल हो सकता है और इसके लिए कोर्ट में मुकदमा भी चल सकता है।
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अगर आपके पास जमीन है और आप चाहते हैं कि आपकी भूमि सुरक्षित रहे, तो आपको अपनी जमीन के लिए आधार कार्ड बनवाना चाहिए। जिस तरह से आधार कार्ड हमारी वैध पहचान का प्रतीक है, उसी तरह से अब सरकार भूमि को भी एक वैध पहचान देने का प्रयास कर रही है। इसके तहत सरकार की ओर से ‘भू-आधार कार्ड’ बनाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
भू आधार कार्ड क्या है?
Bhu Aadhaar Card की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024 के बजट में की थी। इसे जारी करने के लिए केंद्र सरकार ने “डिजिटल इंडिया भू अभिलेख आधुनिक” कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य भूमि के आधिकारिक रिकॉर्ड को नवीनीकरण और सरल बनाना है। भू आधार कार्ड केंद्र सरकार द्वारा जारी किया जाता है और इसमें कृषि भूमि से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी होती है।
इस कार्ड में जमीन मालिक का नाम, भूमि का आकार (रकबा), उसका पता और अन्य संबंधित जानकारी दी जाती है। भू आधार कार्ड की मदद से कृषि भूमि की पहचान आसानी से की जा सकती है। इसके अलावा, भूमि की पहचान के लिए 14 अंकों की विशिष्ट संख्या प्रदान की जाती है, जिसे अल्फान्यूमेरिक पहचान संख्या भी कहा जाता है।
इस कार्ड के जरिए भूमि मालिक का आधार कार्ड भी Link किया जाता है, ताकि योजना का लाभ सही पात्र व्यक्तियों को सहजता से मिल सके।
भू आधार कार्ड के Benefits
भू आधार कार्ड बनवाने से भूमि मालिकों को कई महत्वपूर्ण फायदे मिलते हैं। इस योजना के तहत मिलने वाले प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:
जमीन पर कब्जे से सुरक्षा: यदि आप अपनी जमीन के दस्तावेज आधार कार्ड से लिंक कराते हैं, तो उस पर कोई आसानी से कब्जा नहीं कर सकेगा। यदि ऐसा होता भी है, तो जमीन को कब्जे से मुक्त कराने की जिम्मेदारी सरकार की होगी। अगर सरकार ऐसा करने में असमर्थ रहती है, तो आपको मुआवजा प्रदान किया जाएगा।
डिजिटल रिकॉर्ड की उपलब्धता: भू आधार कार्ड के जरिए जमीन से जुड़े रिकॉर्ड डिजिटल रूप में उपलब्ध होंगे, जिससे भूमि विवादों को हल करना सरल और तेज़ हो जाएगा।
कृषि ऋण और वित्तीय सेवाओं की आसान उपलब्धता: जब जमीन को आधार कार्ड से लिंक किया जाएगा, तो किसानों और अन्य भूमि मालिकों को कृषि ऋण और अन्य वित्तीय सेवाएं प्राप्त करना आसान हो जाएगा।
यह योजना भूमि से संबंधित पारदर्शिता लाने और भूमि मालिकों के अधिकारों को सुरक्षित करने के उद्देश्य से बनाई गई है।
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कैसे बनवाएं Bhu Aadhaar Card
भू आधार कार्ड बनवाने की प्रक्रिया सरल है। इसे बनवाने के लिए आप निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं:
1. आवश्यक दस्तावेज साथ ले जाएं:
- अपना आधार कार्ड।
- जमीन के सभी प्रामाणिक दस्तावेज।
2. रेवेन्यू ऑफिस जाएं: अपने क्षेत्र के रेवेन्यू ऑफिस (राजस्व कार्यालय) में जाएं। वहां भू आधार कार्ड के लिए आवेदन फॉर्म प्राप्त करें।
3. फॉर्म भरें और जमा करें: फॉर्म को सही जानकारी के साथ भरें। इसे संबंधित विभाग में जमा कर दें।
4. ULPIN प्राप्त करें: आवेदन के बाद आपको अपनी जमीन के लिए यूनिक लैंड पार्सल आइडेंटिफिकेशन नंबर (ULPIN) प्रदान किया जाएगा। इस ULPIN को अपने आधार कार्ड से लिंक करवा लें।
5. तहसील कार्यालय में आवेदन: आप तहसील कार्यालय जाकर भी अपने संपत्ति के दस्तावेज और आधार कार्ड की प्रतिलिपि प्रस्तुत कर सकते हैं।
6. ऑनलाइन प्रक्रिया : जिन राज्यों में यह प्रक्रिया ऑनलाइन है, वहां आप अपने घर से ही अपनी जमीन या संपत्ति को आधार कार्ड से लिंक करवा सकते हैं।